Internet Ka Avishkar Kisne Kiya?, कब हुआ?, खोज किसने की, इंटरनेट के खोजकर्ता कौन है?, भारत में इंटरनेट की स्थापना कब हुई?, Who was Invented Internet in Hindi? इन सभी की हिंदी में पूरी जानकारी यहाँ पेश करने वाले हैं। ताकि आपको इंटरनेट से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी दूसरी जगह पर ढूँढना ना पड़े।
Internet का आविष्कार किसने किया? इंटरनेट की उपयोगिता से हम सभी भली-भांति परिचित हैं। इंटरनेट वाकई में काफी कमाल की चीज हैं। अगर यह नहीं होता तो आप यह लेख भी नहीं पढ़ रहे होते। लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं कि इसकी शुरुआत कहा से हुई? यानि की ‘इंटरनेट का आविष्कार किसने किया‘ और ‘इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ’? अगर नहीं। तो यह लेख पूरा पढ़े क्युकी इस लेख में हम आपको ‘इंटरनेट के आविष्कार की पूरी जानकारी’ आसान भाषा में देने वाले हैं।
दुनिया में सबसे पहले इंटरनेट का आविष्कार Vint Cerf और Bob Kahn ने किया था। इन दोनों ने मिलकर ही ऐसा आविष्कार किया था जो आज तक किसी ने कभी नहीं किया है। पहली बार इन दोनों ने मिलकर नेटवर्क के ऊपर काम करना प्रारंभ कर दिया था। जिन्हें आज इंटरनेट के जनक के नाम से या इस खोजकर्ता से भी संबोधित किया जाता है। जो आज हम इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।
Vint Cerf और Bob Kahn ने मिलकर Transmission Control Protocol और Internet Protocol का निर्माण किया। जिन्हें TCP/IP के नाम से भी कहा जाता है।
इंटरनेट क्या हैं?
इंटरनेट के आविष्कार की पूरी जानकारी हम इस लेख में विस्तार से आपको देंगे। लेकिन उससे पहले यह जानना जरूरी हैं की आखिर इंटरनेट हैं क्या? दरअसल इंटरनेट एक प्रकार से इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क्स का ग्लोबल सिस्टम हैं। जो इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट अर्थात TCP और IP का उपयोग करते हुए नेटवर्क और उपरकणो के बिच संचार को संभव बनता हैं।
इंटरनेट को नेटवर्क्स का एक नेटवर्क कहा जाता हैं। जिसमे प्राइवेट, पब्लिक, एकेडमिक, बिजनेस और सरकारी नेटवर्क्स लोकल से ग्लोबल स्तर तक। इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस या फिर ऑप्टिकल नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी के द्वारा जुड़े हुए होते हैं।
इंटरनेट में कई तरह के इन्फॉर्मेशन रिसोर्सेज और सेवाए शामिल होती हैं। जिसमे Inter-linked hypertext documents, World Wide Web के एप्लिकेशन (WWW), Electronic Mail अर्थात ईमेल, Telephony और फ़ाइल शेयरिंग आदि शामिल हैं। अर्थात इंटरनेट के द्वारा विभिन्न माध्यमों से जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं। और विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता हैं।
सरल भाषा में अगर इंटरनेट को समझा जाये तो यह एक ऐसा जाल हैं। जो दुनिया के विभिन्न कम्प्यूटरो और उपकरणों को आपस में जोड़ता हैं। इंटरनेट का मुख्य काम दो या अधिक कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ना होता हैं। जिसके लिए यह इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट का उपयोग करता हैं।
Internet का आविष्कार किसने किया?
वर्तमान में हमारे देश का नाम दुनिया के उन देशो में शामिल हैं। जहा सबसे अधिक इंटरनेट का उपयोग किया जाता हैं। इसका मुख्य कारण हमारे देश में टेलीकॉम के सेक्टर में आई क्रांति हैं। जो जिओ के आने की वजह से हुई हैं। सोशल मीडिया से लेकर मेसेजिंग ईपीएस, स्ट्रीमिंग सेवाए और ऑनलाइन शॉपिंग! सब कुछ इंटरनेट की बदौलत ही संभव हो पाया हैं।
इंटरनेट की बढ़ती हुई उपयोगिता को देखते हुए यह कहा जा सकता हैं। कि इंटरनेट दुनिया के अब तक के सबसे बड़े अविष्कार में से एक हैं। बिना इंटरनेट के तो वर्तमान में जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती। लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं, कि आखिर Internet का आविष्कार किसने किया? अगर हाँ, तो इस लेख में आपको इसका जवाब मिल जायेगा।
इस इंटरनेट का अविष्कार करने वाले महान आविष्कारकों का नाम Bob Kahn (Robert Elliot Kahn) और Vint Cerf था। यही वह वैज्ञानिक थे जिन्होंने पहली बार एक ऐसा सिस्टम डेवलप किया। जिससे दो कम्प्यूटरो को सटीक रूप से आपस में जोड़ा जा सकता था। और इन्फॉर्मेशन या कहा जाये तो डाटा ट्रासंफर किया जा सकता था। इन आविष्कारकों ने TCP/IP का निर्माण करके कई नेटवर्कों को आपस मे जोड़ना सम्भव बनाया था।
Internet की खोज किसने की?
“Internet की खोज Bob Kahn और Vint Cerf ने किया था।”
Bob Kahn और Vint Cerf
Internet का आविष्कार कब हुआ?
इंटरनेट का आविष्कार किसने किया? इस विषय में तो हम आपको पर्याप्त जानकारी दे चुके हैं। लेकिन अब यह जानना भी जरूरी हैं कि आखिर इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था? क्युकी वर्तमान समय में तो हमारे पास इंटरनेट का एक आधुनिक रूप उपलब्ध हैं। लेकिन इंटरनेट शुरुआत से ही ऐसा नहीं था।
इंटरनेट की शुरुआत हुई थी 1969 में। जब यूसीएल और स्टैनफोर्ड की 2 रिसर्च टीम ने अपने प्रयोग में लॉन्ग डिस्टेंस में 2 कम्प्यूटरो के बिच नेटवर्किंग की। वैसे तो नेबरिंग कम्प्यूटर में लॉगिन के दौरान सिस्टम क्रैश हो गया था। लेकिन एक्सपेरिमेंट को लीड करने वाले Leonard Kleinrock विश्व का पहला Two-Node Network बनाने में सफल रहे थे।
कई लोग इसे इंटरनेट की शुरुआत मानते हैं तो कई नहीं। क्युकी इंटरनेट के आविष्कार का श्रेय मुख्य रूप से Bob Kahn और Vint Cerf को जाता हैं। और इन्होने 1980 में TCP/IP की शुरुआत की थी। 1 जनवरी 1983 को इंटरनेट के जन्मदिन। या फिर कहा जाये तो शुरुआत के लिए जाना जाता हैं। क्युकी इस दिन TCP/IP को एस्टब्लिश किया गया था।
इंटरनेट का आविष्कार कैसे हुआ?
इंटरनेट के बारे में सरल शब्दों में कहा जाता हैं। कि यह कम्प्यूटरो का एक जाल है। जो कई कम्प्यूटर को आपस में जोड़ने का काम करता हैं। कम्प्यूटर की शुरुआत ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में एक क्रांति लाने का काम किया था। कंप्यूटर का आविष्कार तेजी से फैल रहा था। और डिफेंस सहित सभी विभाग और व्यवसाय भी इसका उपयोग करने लगे थे।
कम्प्यूटर का एक क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा था। लेकिन एक ऐसे सिस्टम की जरूरत थी। जिससे दो या अधिक कंप्यूटरों को आपस में कनेक्ट किया जा सके। जिससे की एक अच्छे-खासे डिस्टेंस से भी कम्युनिकेशन और डाटा ट्रांसफर संभव हो सके। यही से शुरुआत हुई इंटरनेट के आविष्कार की।
शायद आप यह जानकर हैरानी होगी। कि इंटरनेट के अविष्कार की शुरुआत डिफेंस के क्षेत्र से हुई थी। अमेरिका के डिफ़ेंस विभाग ने कम्प्यूटरो को अपनाना शुरू कर दिया था। तो अब उन्हें एक ऐसे सिस्टम की जरूरत थी। जिससे कम्प्यूटर से डाटा और इन्फॉर्मेशन ट्रांसफर की जा सके। ऐसे में सरकार ने इसके लिए फंड करना शुरू किया।
इस फंड के बदौलत ही ARPANET की शुरुआत की गयी। अर्पानेट की शुरुआत 19 अक्टूबर 1959 को की गयी थी। यह एक ऐसा सिस्टम था, जिससे कम्प्यूटरो को आपस में जोड़ा जा सकता था। लेकिन यह अधिक एडवांस नहीं था। इसमें सुधार आया। जब Bob Kahn और Vint Cerf ने TCP/IP को एस्टब्लिश किया। और इसी तरह से हुई थी इंटरनेट की शुरुआत।
इंटरनेट के आविष्कार का इतिहास
इंटरनेट का आविष्कार कब और किसने किया। इस बारे में हम आपको जानकारी दे चुके हैं। और साथ ही यह भी बता चुके हैं कि इंटरनेट का आविष्कार कैसे हुआ? लेकिन अगर आप इंटरनेट के आविष्कार को सटीक रूप से समझना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको इंटरनेट के आविष्कार का इतिहास भी पता होना चाहिए।
आपको यह जानकार थोड़ा आश्चर्य जरूर होगी। लेकिन इंटरनेट के आविष्कार की शुरुआत कहीं ना कहीं अमेरिका और रसिया के बीच चल रही जंग की वजह से हुई हैं। समय के साथ इन दोनों महाशक्तियों की जंग एक होड़ में बदल चुकी थी। और दोनों ही देश अपने आपको प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक-दूसरे से आगे बढ़ाना चाहते थे।
तो बात कुछ ऐसी थी की रशिया और अमेरिका के बीच प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने में एक होड़ चल रही थी। रशिया ने 4 अक्टूबर के दिन 1957 में दुनिया के पहले सेटेलाइट Sputnik को लॉन्च कर दिया था। अमेरिका रशिया की इस उपलब्धि को देख हैरान था। क्युकी वह भी लम्बे समय से सेटेलाइट पर काम कर रहा था।
क्युकी रशिया अमेरिका से आगे निकल रहा था। तो अमेरिका के राष्ट्रपति ने Advanced Research Projects Agency अर्थात ARPA की शुरुआत की। जिससे की अमेरिका साइंस और प्रौद्योगिकी में सबसे आगे निकल सके। यह एजेंसी तेजी से अपने विज्ञान को विकसित कर रही थी। उस समय कम्प्यूटर काफी बड़े हुआ करते थे। और कोई ऐसा नेटवर्क नहीं था। जिससे इन्हे जोड़ा जा सके।
ARPA को लगा की एक ऐसे नेटवर्क की जरूरत हैं। जो कम्प्यूटर के बिच संबंध स्थापित कर सके। जिससे सूचनाएं और डाटा ट्रांसफर संभव हो सके। इसके बाद ऐसे नेटवर्क का निर्माण करने पर काम शुरू हो गया। और इसके लिए एजेंसी ने कुछ कम्पनियो की मदद भी ली।
जैसा की हमने आपको बताया की 1969 में स्टैनफोर्ड और यूसीएल ने मिलकर Leonard Kleinrock के नेतृत्व में हुए एक प्रयोग में सफलतापूर्वक Two-Nod Network तैयार कर लिया था। ARPA को एक ऐसा माध्यम मिल चूका था। जिससे की कम्प्यूटर के बिच में कनेक्शन बनाया जा सके।
इस नेटवर्क को आगे जाकर ARPANET का नाम दिया गया। 29 अक्टूबर 1969 को अर्पानेट की शुरुआत हुई थी। अर्पानेट वह पहला नेटवर्क भी था। जिसके साथ पैकेट स्विचिंग को जोड़ा गया था। पैकेट स्विचिंग एक ऐसा मेथड था, जिसमे इनफार्मेशन को डाटा के छोटे पैकेट्स में सेपरेट करके भेजा जाता था।
लेकिन यहाँ समस्या यह थी की डाटा को पैक करना और उसके बाद उसे अनपैक। या फिर कहा जाये तो रिअसेम्ब्ल करना एक भारी काम था। क्युकी कुछ साल में ही टू-नोड नेटवर्क काफी ज्यादा फैल चूका था। या फिर कहा जाये तो अर्पानेट लोकप्रिय हो चूका था। तो एक ऐसे माध्यम की भी जरूरत थी। जो सभी नेटवर्क्स को एकिकृत कर सके।
पैकेट स्विचिंग को आधुनिक बनाने की जरूरत थी। और यहाँ जरुरत पड़ी इंटरनेट प्रोटोकॉल की। इंटरनेट प्रोटोकॉल डाटा को ऑटोमेशन मेथड में पैकेट स्वीचिंग माध्यम से तैयार कर सकते थे। यहाँ से कहानी शुरू हुई थी Cerf और Kahn की जिन्हे इंटरनेट के आविष्कार के रूप में देखा जाता हैं।
ARPA के Bob Kahn ने पैकेट स्विचिंग को बेहतर बनाने के लिए या फिर कहा जाए तो नेटवर्क्स को एकीकृत करने के लिए एक माध्यम तैयार करने पर काम करना शुरू कर दिया। इसके लिए Bob Kahn ने स्टैनफ़ोर्स यूनिवर्सिटी के Vinton Cerf को रिक्रूट किया।
इसके बाद Bob Kahn ने International Networking Working Group की स्थापना की। जिसमे उनके और Cerf के साथ Alex McKenzie, Donald Davies, Roger Scantlebury, Louis Pouzin और Hubert Zimmermann भी थे। इसके बाद इस ग्रुप ने प्रोटोकॉल पर काम करना शुरू किया। और अंत में हमारे सामने आया TCP/IP. जिनके चलते ही हम आज के आधुनिक इंटरनेट का इस्तेमाल कर पा रहे हैं।
Bob Kahn, Vinton Cerf और इनके समूह ने मिलकर 1980 तक डाटा ट्रांसफर के लिए गाइडलाइंस का एक सेट तैयार कर लिया। जिसे Transmission Control Protocol और Internet Protocol अर्थात TCP/IP कहा गया।
टीसीपी डाटा को भेजने से पहले पैकेट्स में डिवाइड कर सकता था। और रिसीव करने से पहले असेम्ब्ल कर सकता था। यह एक आधुनिक खोज थी। जिसने एक बड़ी समस्या हल कर दी थी। वही दूसरी तरफ IP एक Trip Coordinator के रूप में काम करता था। जो इन्फॉर्मेशन या फिर कहा जाये तो डाटा के मूवमेंट को स्टार्ट पॉइंट से लेकर एन्ड पॉइंट तक मैप करता था। यह भी एक एडवांस सिस्टम था।
जहा पहले दो कम्प्यूटरो के बिच में एक सिंगल नेटवर्क स्थापित किया जा सकता था। तो वही TCP/IP के आने के बाद एक लार्ज वेब को स्थापित किया जा सकता। अर्थात TCP/IP के आने के बाद इंटरकनेक्टेड नेटवर्क का एक लार्ज वेब बनाया जा सका। जिसे शॉर्ट फॉर्म में ‘इंटरनेट’ कहा गया।
वैसे तो TCP/IP से पहले भी FTP (File Transfer Protocol) और NCP (Network Control Protocol) जैसे कुछ प्रोटोकॉल्स की स्थापना की गयी थी। लेकिन इनमे से कोई भी उतना सक्षम नहीं था। क्युकी TCP/IP काफी ज्यादा सक्षम थे। तो इनका तेजी से विस्तार हुआ। और इंटरकनेक्टेड नेटवर्क पूरी दुनिया में फैला। जिसे बाद में इंटरनेट कहा जाने लगा।
इंटरनेट का मालिक कौन हैं?
इंटरनेट एक प्रौद्योगिकी है। और अगर देखा जाता हैं की प्रौद्योगिकी का कोई मालिक नहीं होता। इंटरनेट के आविष्कार का श्रेय Leonard Kleinrock, Bob Kahn और Vint Cerf जैसे लोगो को जरूर जाता हैं। लेकिन यह एक डिसेंट्रलाइज्ड प्रौद्योगिकी हैं। जिस पर किसी व्यक्ति, कम्पनी या देश का अधिकार नहीं हैं।
internet के आविष्कारक Vint Cerf और Bob Kahn भी चाहते थे। कि इंटरनेट की सुविधा पूरी दुनिया को मिले। जिससे की वह जानकारियों को आसानी से प्राप्त कर सके। उन्होंने एक डिसेंट्रलाइज्ड ग्लोबल इंटरनेट का सपना देखा था। और आज यह पूरा हो चूका हैं। इंटरनेट पर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वाली कम्पनियो के मालिक जरूर हो सकते हैं। लेकिन इंटरनेट का कोई मालिक नहीं हैं।
भारत में इंटरनेट की स्थापना कब हुई?
भारत में इंटरनेट की स्थापना 15 अगस्त 1995 को हुई थी। देश में इंटरनेट की सुविधा शुरू करने वाली कम्पनी का नाम ‘विदेश संचार निगम लिमिटेड‘। अर्थात वीएसएनएल (VSNL) था। भारत में सबसे पहले इंटरनेट की शुरुआत कोलकाता में हुई थी। जहा आम लोगो के लिए इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाई गयी थी।
15 अगस्त 1995 और भारत में इंटरनेट की स्थापना की गई थी।
भारत में इंटरनेट की शुरुआत कहाँ हुई
इंटरनेट की शुरुआत भारत में सबसे पहले कोलकाता में हुई थी। जहाँ पर सबसे पहले इंटरनेट का इस्तेमाल किया गया था।
Internet का फुल फॉर्म क्या हैं?
इंटरनेट की कई फुल फॉर्म वर्तमान में प्रचलित हैं। लेकिन अगर इसकी असली फूल फॉर्म की बात की जाये तो वह ‘Interconnected Network‘ होती हैं।
Internet को हिन्दी में क्या कहते हैं?
‘इंटरनेट’ को हिंदी में क्या बोलते हैं? या फिर ‘इंटरनेट’ का हिंदी मतलब क्या हैं? Internet को हिंदी में ‘अंतरजाल’ कहा जाता हैं।
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आपने क्या सीखा?- इंटरनेट का अविष्कार
यह बात हम सभी को भली भांति पता हैं की इंटरनेट आज के समय में सबसे उपयोगी चीजों में से एक है। इंटरनेट का उपयोग इतना ज्यादा बढ़ चूका है। की अगर कुछ घंटो के लिए भी इसे बंद कर दिया जाये। तो कई काम रुक जाते हैं। इसके अलावा कई बड़े बड़े बिजनेस तक इंटरनेट के दम पर चल रहे हैं। और इसके आने से रोजगार के करोड़ो अवसर भी पैदा हुए हैं।
इंटरनेट वाकई में अब तक एक सबसे बड़े और महत्वपूर्ण आविष्कारो में से एक हैं। लेकिन फिर भी कई लोग नहीं जानते की ‘इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ‘, ‘इंटरनेट का आविष्कार किसने किया‘ और ‘इंटरनेट के आविष्कार का इतिहास?’ Who was invented internet in hindi? यही कारण हैं की हमने यह लेख तैयार किया हैं। हमने ‘इंटरनेट के आविष्कार की पूरी जानकारी’ आसान भाषा में दी हैं।